बुधवार, 4 मार्च 2009

बहुत दिनों के बाद !


बहुत दिनों के बाद
फिर आई तुम्हारी याद
मन होने लगा उदास
बहुत दिनों के बाद !
रोई ,चीखी, चिल्लाई ऐसे
अन्दर छाया हो मातम जैसे
किसको क्या बतलाऊ कैसे
किससे करू ये बात
बहुत दिनों के बाद !
मन में है, कोलाहल छाया
अपना ख़ुद में कुछ भी ना पाया
फिर से याद आगई मुझको
पहले आलिंगन की रात
बहुत दिनों के बाद !

मन होने लगा उदास
आज फिर
बहुत दिनों के बाद!

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

indeed a very good effort nd handsomely placed words